Monday, June 11, 2007

किसका काम मुश्किल है

हम सभी यह सोचते हैं कि हम जो भी काम करते हैं वो बहुत ही मुश्किल है और हम ही जानते हैं कि कैसे काम को पूरा करते है। मैं तो अपने काम को ही बहुत मुश्किल समझती हूँ कि दो बच्चों की परवरिश करने और घर चलाने में कैसे पूरा दिन निकल जाता है पता ही नहीं चलता। ऊपर से ब्लागिंग का काम और शुरु कर दिया जो कि बचा-खुचा समय भी खा जाता है। पति महोदय को अपना काम कठिन लगता है और हमारा काम आसान। बुरा तो तब लगता है जब पतिदेव ऑफिस से आकर किसी काम के अधूरा पाने पर कहते हैं कि तुम दिन भर करती क्या हो? तुम तो खाली हो, दिन भर टीवी देखती हो या सोती हो। हमारा काम उन्हें दिखता ही नहीं है कि कैसे दिन भर बच्चों ने चैन नहीं लेने दिया। खैर, सबको अपना काम मुश्किल और दूसरे का आसान दिखता है।

चिठ्टाकारी (ब्लागिंग) भी कोई आसान काम नहीं है, यह कोई उनसे पूछे जो रोज मेहनत करके बिषय सामग्री ढूंढ़ कर लम्बे-लम्बे चिठ्ठे लिखते हैं।

जरा इन आदिवासियों को देखिये जो कि दक्षिण अमेरिका में पाये जाने वाले दुनिया के सबसे बड़े सांप 'अनाकोंडा (Anaconda)' को पकड़ने का काम करते हैं। अब इनके काम के आगे हमारा काम फिर भी आसान है।












वैसे भारत के संपेरे शायद इनसे भी मुश्किल काम करते हैं क्योंकि वो दुनिया के सबसे जहरीले सांपों में शामिल नाग (कोबरा) सांप को जंगलों में न केवल पकड़ते है, बल्कि उन्हें बीन पर नचाते भी हैं। नाग को पकड़ना निश्चित रुप से अनाकोंडा को पकड़ने से कठिन है। सांप पकड़ने के इस काम को देखकर बताइये कि क्या आप अपने काम को अभी भी दूसरों के काम से ज्यादा मुश्किल मानते हैं?

और सबसे आसान काम क्या है?

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