*एक माफीअपने ईश्वर से*
*तू नाराज तो है इन्सानों से*
*नहीं तो मंदिरों के दरवाज़े बंद नही होते*
*सजा दे रही है कुदरत*
*अपने संग खिलवाड़ की*
*नही तो गुरुद्वारों के लंगर बंद नहीं होते*
*आज उन बारिश की बूंदों से संदेश मिला,*
*रोता तो तू भी है जब इंसान आंसु बहाता..*
*माफ़ करदे अपने बच्चों के हर गुनाह,*
*सब कहते हैं तेरी मर्ज़ी के बिना तो पत्ता भी नहीं हिलता...*
🙏🙏😰😥😰😥😰🙏🙏
*गलती "करने के लिये.."*
*कोई भी समय "सही" नहीं,*
*और...*
*गलती "सुधारने के लियें.."*
*कोई भी समय "बुरा" नहीं!*
😷🙏😷🙏😷🙏😷🙏😷
*अगर मुस्कुराहट के लिए ईश्वर का शुक्रिया नहीं किया,*
*तो आँखों मे आये आँसुओं के लिये शिकायत का हक़ कैसा?*
इस भयंकर महामारी के समय में प्रभु सिमरन करें और क्षमा याचना करें! अपने आप को, अपने अपनों को *घर ही रखना है!
😇🇮🇳👍*सुप्रभात, घर पर ही रहें* 🙏🏻🌺🌺☺🙂🙏🇮🇳
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