एक युवक शॉपिंग माल में खरीदारी कर रहा था कि तभी उसने लक्ष्य किया एक बूढ़ी औरत काफी देर से लगातार उसके साथ साथ चल रही है और बीच बीच में उसे घूर भी रही है। ''होगी कोई! मुझे क्या ...?'' उसने सोचा और आगे बढ़ गया।
जब वह भुगतान करने के लिये बिल काउंटर की ओर बढ़ा तो वह महिला एकदम से उसके पास आ गई और बोली - ''बेटा, तुम सोच रहे होगे कि यह औरत मुझे इस तरह क्यों देख रही है ?
दरअसल तुम्हें देखकर मुझे अपने बेटे की याद आ गई जो पिछले साल एक दुर्घटना में मारा गया।'' कहने के साथ बुढ़िया की आंखे छलछला आईं।
लड़का द्रवीभूत हो गया। बोला - ''मांजी, आप मुझे अपना बेटा ही समझिये। कहिये, मैं आपकी कुछ मदद करूं ?''
बुढ़िया ने बिल काउंटर से अपना सामान उठाते हुये कहा - ''नहीं, नहीं बेटा! मुझे कुछ नहीं चाहिए। बस तुमने अपने मुंह से मां कह दिया यही बहुत है।'' यह कहकर बुढ़िया चलने लगी। लड़का भावुक होकर उसकी ओर देखता रहा। दरवाजे के पास जाकर बुढ़िया ने लड़के की तरफ हाथ हिलाया और बोली - ''अच्छा बेटा, जाती हूं।''''ठीक है मांजी । जाइए। अपना खयाल रखना।'' लड़के ने जोर से कहा।
बुढ़िया चली गई। अब लड़का बिल काउंटर की तरफ मुड़ा। ''कितना हुआ'', उसने पूछा। ''तीन हजार सात सौ रुपये'', क्लर्क ने बताया।
''क्या ? .... पर मेरे सामान की कीमत पांच सौ रुपये से ज्यादा नहीं है!'' लड़का जोर से बोला। ''बिलकुल! आप सही कह रहे हैं। पर आपकी मांजी बत्तीस सौ रुपये का सामान ले गई हैं।'' क्लर्क ने स्पष्ट किया।
No comments:
Post a Comment