*पत्नी की फटकार का महत्व-*
पत्नी की फटकार है अद्भुत,
अद्भुत है पत्नी की मार।
पत्नी के ताने सुन सुन कर,
खुलते ज्ञान चक्षु के द्वार।।
दस्यु सुना उत्तर पत्नी का
भरम हो गया अंतर्ध्यान।
हार गई पत्नी से दस्युता
बाल्मिकी हुए कवि महान।।
पत्नी से जब मार पड़ी तब,
रोया फूट फूट नादान।
कालिदास अनपढ़ मतिमंदा,
हो गए कवि विद्वान महान।।
पत्नी की फटकार सुनी जब,
तुलसी भागे छोड़ मकान।
राम चरित मानस रच डाला,
जग में बन गए भक्त महान।।
पत्नी छोड़ भगे थे जो जो,
वही बने विद्वान महान।
गौतम बुद्ध महावीर तीर्थंकर,
पत्नी छोड़ बने भगवान।।
पत्नी छोड़ जो भागे मोदी
हुए आज हैं पंत प्रधान।।
अडवाणी ना छोड़ सके तो,
देख अभी तक हैं परेशान।।
नहीं किया शादी पप्पू ने,
नहीं सुनी पत्नी की तान।
इसीलिए करता बकलोली,
बना है मूर्ख मूढ़ नादान।।
हम भी पत्नी छोड़ न पाए,
इसीलिए तो हैं परेशान।
पत्नी छोड़ बनो सन्यासी,
पाओ मोक्ष और निर्वाण।।
आनन्द लीजिये।
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