आप भले ही करोड़ों की जायदाद के मालिक हो पर जब तक शाम को चार दोस्त आपका इंतजार न कर रहे हो आप गरीब हो।
एक दोस्त ने क्या खूब लिखा है कि
"मरने के बाद मुझे जल्दी ना जला देना
मेरे दोस्तों को देर से आने की आदत है" ....
*दोस्ती* शब्द का अर्थ बड़ा ही मस्त होता है ( दो+हस्ती )
जब दो हस्ती मिलती हैं, तब दोस्ती होती है।
समुंदर ना हो तो कश्ती किस काम कीं,
मजाक ना हो , तो मस्ती किस काम की।।
दोस्तों के लिए तो कुर्बान है,ये जिंदगी
अगर दोस्त ही ना हो तो फिर ये जिंदगी किस काम कीं।।
"क्यूँ मुश्किलों में साथ देते हैं "दोस्त"
"क्यूँ गम को बाँट लेते हैं "दोस्त"
"न रिश्ता खून का न रिवाज से बंधा है !
"फिर भी ज़िन्दगी भर साथ देते हैं "दोस्त "